- Ashish yadav on July 18, 2010 at 3:35pm
- पहले तो मै 'रवि कुमार गिरी जी' को प्रणाम करता हूँ की उन्होंने इतनी अच्छी बात शुरू की. अब मै भगवान् भोलेनाथ का नाम लेकर उन्ही के बारे में बता रहा हु. गाजीपुर जिले में एक गाजीपुर-मऊ संपर्क मार्ग पर एक स्थान है मरदह. मरदह से पूरब की तरफ करीब ४ या ५ कि० मि० की दुरी पर स्थान है महाहर. वैसे तो इस स्थान को वहा के स्थानीय लोग महारे या महार कह कर पुकारते है. वही महाहर में भगवान् भोलेनाथ का मंदिर है जो पुरे गाजीपुर में प्रसिद्द है. वहा पे इस मंदिर के अलावा भी कई देवी और देवताओ के मंदिर हैं, जैसे भगवान् कृष्ण, माता दुर्गा, राम जी, भैरव बाबा, कुल १५वो मंदिर है. लेकिन सबसे आस्थावान मंदिर भगवान भोले का ही है. अपने कन्धों पे रख कर अपने माता-पिता को सभी तीर्थों की सैर कराने वाले श्रवन कुमार को दसरथ जी ने यही पे मारा था. कहा जाता है की यहाँ पे बहुत सारा सोना चाँदी गाड़ा गया है. कई बार कई लोगो ने यहाँ पे खुदाई करवाने का प्रयास किया लेकिन उनके घर कोई न कोई अशुभ घटना घट गई. सावन के महीने में यहाँ पे बहुत दूर दूर से लोग आते है. वैसे तो तो हर सोमवार को काफी भीड़ रहती है किन्तु सावन के प्रत्येक सोमवार को यहाँ पे हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आते है. यहाँ पर महाशिवरात्रि के दिन मेला लगता है जो करीब ३ दिनों तक चलता है. और भी बाते है इसके सम बांध में जो फिर कभी जिक्र करूँगा. हर हर महादेव जय शिव शंकर
Monday, December 6, 2010
महाहर
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